बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

Meaning
बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद मुहावरे का अर्थ (bandar kya jaane adrak ka swad ka arth) – अज्ञानी का किसी वस्तु तथा पदार्थ की कदर ना करना क्योंकि वह उसके गुणों को नहीं पहचानता

बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद मुहावरे का अर्थ आसान भाषा में

यह मुहावरा तब उपयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी वस्तु के गुण को नहीं पहचानता 

यदि किसी को राह में हीरा मिल जाए परंतु वह उसे सामान्य पत्थर समझ कर फेंक दे तो आप समझ सकते हैं कि उसने इतनी बड़ी मूर्खता दिखाई है. वह व्यक्ति यदि हीरे को परखने की कला तथा उसके गुणों को पहचानता तो क्या वह उसे फेकता? 

कभी नहीं!

इसलिए जब प्राणी को किसी वस्तु के गुणों की पहचान नहीं होती अथवा कदर नहीं होती तो बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद यह मुहावरे का प्रयोग किया जाता है

यदि हम इसको बंदर के उदाहरण से समझे 

तो अदरक का एक अपना खुद का स्वाद होता है परंतु बंदर इसके विशेष स्वाद को नहीं पहचानता. उसके सामने एक केला और एक अदरक रख दो बंदर दोनों खा लेगा उसके लिए तो दोनों ही भोजन है उसके लिए कोई अंतर नहीं है अदरक और केले में

बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद का वाक्य में प्रयोग

वाक्य प्रयोग – रमेश को कितना कहा सरकारी नौकरी की तैयारी कर पर वह मानता ही नहीं आखिर बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद. 

वाक्य प्रयोग – जो व्यापार करता है वही उसका महत्व समझता है आखिर तुम नौकरी पेशा लोग व्यापारी जीवन का रुतबा क्या जानो बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद

वाक्य प्रयोग – नई पीढ़ी विदेशी आहार फास्ट फूड की तरफ ज्यादा रुझान रखती है वह क्या जाने भारतीय भोजन की पौष्टिकता आखिर बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद

वाक्य प्रयोग – आयुर्वेद में हर बीमारी का इलाज है मगर यह आधुनिक विज्ञान को स्वीकार नहीं है आखिर बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद

वाक्य प्रयोग – लिट्टी और चोखा का स्वाद तुम क्या जानो भाई बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद