दाने दाने को तरसना मुहावरे का अर्थ क्या है, टिप्पणी और वाक्य प्रयोग

Meaning
दाने दाने को तरसना मुहावरे का अर्थ (daane daane ko tarasna muhavare ka arth) – खाने के लाले होना, भूखे मरना

दाने दाने को तरसना पर टिप्पणी

यह संसार भी बड़ा विचित्र है एक तरफ ऐसे लोग हैं जो खाना जाया कर देते हैं और दूसरी तरफ ऐसे भी लोग है जो भयंकर दरिद्रता में ही जीवन जी जाते हैं और उन्हें दाने दाने के लिए तरसना पड़ता है.

इस मुहावरे का मतलब होता है कि गरीबी के कारण भूखे मरना, जो लोग गरीबी में जीवन यापन करते हैं उनके पास खाने-पीने की सामग्री में कमी होती है. ऐसे लोगों को दाने-दाने को मोहताज होना पड़ता है. 

दाने दाने को तरसना का वाक्य प्रयोग

वाक्य – करोना कॉल में कई लोगों की नौकरी छूट गई जिस कारण आज उन्हें दाने दाने को तरसना पड़ता है

वाक्य – एक समय था जब हम भी बड़े होटलों में खाना खाया करते थे और आज ऐसा वक्त आया है कि हमें दाने दाने को तरसना पड़ता है

वाक्य – जब से रमेश को घातक बीमारियों ने घेरा है तब से उसका परिवार दाने-दाने को तरस रहा है

वाक्य – जब से संजय के पिताजी गुजरे हैं वह और उसकी मां दोनों दाने-दाने को तरसने लगे हैं