नाच न जाने आंगन टेढ़ा कहावत का अर्थ क्या है और वाक्य में प्रयोग

Meaning
नाच न जाने आंगन टेढ़ा मुहावरे का अर्थ (naach na jaane aangan tedha muhavare ka arth) – कार्य नहीं आने पर बहाना बनाना

नाच न जाने आंगन टेढ़ा कहावत पर टिप्पणी

यह एक प्रसिद्ध लोकोक्ति(कहावत) है जिसका मतलब है जब किसी को कोई कार्य नहीं आता तब वह अहंकार के कारण बहाना बनाता है और अपनी हार स्वीकार ना करता हुए दूसरों पर दोष भी लगा सकता है।

इसका शाब्दिक अर्थ समझे तो होगा – जिसे नाचना नहीं आता है, वही बोलता है आंगन टेढ़ा है।

यह कहावत केवल नाचने तक सीमित नहीं है। हर उस जगह जहां काम ना आने पर अपनी कमी छुपाने के लिए दूसरी वस्तु या व्यक्ति को दोषी ठहराया जाए वहां प्रयोग किया जा सकता है।

उदाहरण – राकेश को मां बोली बेटा अनार छिल दो, राकेश को अनार छीलना नहीं आता था तो बहाना बनाने के लिए बोला मां अनार खराब हो गए हैं। तब मां बोली नाच ना जाने आंगन टेढ़ा। 

In English similar proverb “A bad carpenter quarrels with his tools”

नाच न जाने आंगन टेढ़ा का वाक्य (sentence)

वाक्य – आर्यन बड़ा आलसी है, उसके लिए तो हर काम ही नाच न जाने आंगन टेढ़ा है।

वाक्य – जब नई बहू से रोटी बेलने को बोला तब वह इंकार करके बोली मेरे हाथ में दर्द है, सास बोली नाच न जाने आंगन टेढ़ा।

वाक्य – मिठाई मैं अगर अच्छा सामान डाला होता तो बढ़िया बनती, नाच ना जाने आंगन टेढ़ा।

वाक्य –  आज गायक के सुर और ताल गड़बड़ थे। गायक ने कहा तबला वादन ही गड़बड़ है। नाच न जाने आंगन टेढ़ा।