अकल बड़ी या भैंस मुहावरे का अर्थ (akal badi ya bhains muhavare ka arth) –
- शारीरिक बल से बुद्धि बल का ज्यादा महत्व है
- शरीर शक्तिशाली होने से अकल नहीं आती
अकल बड़ी या भैंस पर टिप्पणी
यह कहावत है ना कि मुहावरा ।
इस कहावत का अर्थ है कि बुद्धि बल शारीरिक बल से श्रेष्ठ होता है। इसका दूसरा अर्थ है – यह जरूरी नहीं जो शरीर से बलवान हो वह बुद्धि से भी समझदार हो।
समाज में ऐसा देखा गया है जो शरीर से बहुत हष्ट-पुष्ट होते हैं, तगड़े होते हैं वह अक्सर बुद्धिहीन या बेअकल होते हैं। इसका यह मतलब नहीं कि सारे बलवान व्यक्ति बुद्धू है।
अकल बड़ी या भैंस का वाक्य प्रयोग
वाक्य – रमेश तो पढ़ने-लिखने में बहुत तेज है लेकिन सुरेश जब देखो खेलता रहता है, अकल बड़ी या भैंस।
वाक्य – पंकज है तो दुबला-पतला मगर जो काम करता है उसमें सफलता पाता है, वहीं दूसरी और रामू सुंदर व बलवान होने के बावजूद असफल है। किसी ने ठीक ही कहा है ‘अकल बड़ी या भैंस’।
वाक्य – जहां कूटनीति से विजय प्राप्त की जा सकती है वहां युद्ध करने की कोई आवश्यकता नहीं है आखिर अकल बड़ी या भैंस