अंधेर नगरी चौपट राजा लोकोक्ति का अर्थ और वाक्य

Meaning
अंधेर नगरी चौपट राजा मुहावरे का अर्थ (andher nagri chaupat raja muhavare ka arth) – जहां मुखिया मूर्ख हो वहां अन्याय ही होता है

अंधेर नगरी चौपट राजा पर टिप्पणी

अंधेर नगरी का अर्थ – ऐसा नगर जहां अज्ञानता और विवेक का अंधकार हो जहां सब कुछ गड़बड़ हो

चौपट राजा का अर्थ – असफल राजा

टके सेर भाजी, टके सेर खाजा का अर्थ – मूल्य की कोई पहचान न होना,  अनपढ़ और विद्वान बराबर होना

इस कहावत का मतलब है ऐसी नगरी जहां न्याय व्यवस्था, अर्थव्यवस्था सब गड़बड़ है और यह इसलिए क्योंकि नगरी का राजा मूर्ख और अज्ञानी है। यदि राजा गुणहीन हो तो प्रजा भी गुणहीन बनती है, राजा के सारे अवगुण प्रजा में आते हैं। तब ऐसे समाज की दुर्गति तो हो ही जाती है।

वास्तव में पूरा वाक्य है “अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा

इसमें एक काल्पनिक नगरी की बात की गई है जहां चोरों को पुरस्कार और विद्वानों को दंड दिया जाता है। जहां हीरे और तांबे का मूल्य समान है। जहां पंडित मजदूरी करता है और अनपढ़ टीचर है

अंधेर नगरी चौपट राजा का वाक्य

वाक्य – सरकारी दफ्तर तो ऐसे हैं जैसे अंधेर नगरी चौपट राजा

वाक्य – जब से लालू गांव का मुख्य बना है गांव में कुछ भी सही नहीं हो रहा, यह तो वही बात हो गई अंधेर नगरी चौपट राजा 

वाक्य – पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को देख मुझे अंधेर नगरी चौपट राजा कहावत याद आती है

वाक्य – आजकल के MP MLA पढ़े लिखे तो होते नहीं, उन्हें देख में बस यही कहता हूं अंधेर नगरी चौपट राजा