आँख लगना पर टिप्पणी
बहुचर्चित, अत्यंत सरल मुहावरा जिसका मतलब होता है झपकी लगना. भगवान ने दिन और रात बनाई है, दिन हमारे परिश्रम का समय है और रात हमारे आराम का व निद्रा का परंतु कभी-कभी दिन के समय हमारी आंख लग जाती है या काहे हमें नींद आ जाती है और हमें पता ही नहीं चलता.
रात्रि के समय निद्रा आना स्वाभाविक है परन्तु दिन में अकस्मात बिना चाहे नींद लगना दूसरी बात हे तथा इन दोनों में अंतर है. कोई भी यह नहीं चाहता कि काम के समय किसी को नींद आए, इस प्रकार की परिस्थितियों में ही “आँख लगना” मुहावरे का प्रयोग होता है.
आँख लगना का वाक्य प्रयोग (sentence)
वाक्य – पिछले माह जब मैं बस में सफ़र कर रहा था तब आंख लगने के कारण मेरे सारा सामान चोरी हो गया
वाक्य – खाना खाने के बाद पिताजी की आंख लग गई थी तब मुझे क्या पता था कि यह पिताजी की अंतिम रात है
वाक्य – रमेश भी कमाल का आदमी है, कहीं भी बैठे बैठे उसकी आंख लग जाती
वाक्य – अध्यापक जी Physics पढ़ा रहे थे तभी एक छात्र की आंख लग गई तब अध्यापक ने चौक फेंक कर मारा
वाक्य – अभी मेरी आंख लग गई थी वाह! क्या सुंदर सपना देखा था