उल्टी गंगा बहाना पर टिप्पणी
इस मुहावरे के कई अर्थ निकाले जा सकते हैं परंतु सब अर्थ इस भाव पर आधारित है कि कुछ उल्टा काम हो रहा है. सामान्यतः गंगा तो अपनी दिशा में बहती है परंतु गंगा उल्टी कैसे बह सकती है यह तो असंभव कार्य है उल्टा काम है.
इस तरह से उल्टी गंगा बहाना का मतलब बनता है कोई ऐसा काम करना जो असंभव हो, या उल्टा काम, या किसी ऐसे व्यक्ति का कुछ ऐसा काम करना जो सामान्य तौर पर वह कभी नहीं करेगा.
उल्टी गंगा बहाना का वाक्य प्रयोग
वाक्य – पंकज जैसे चोर व्यक्ति का मंदिर में दान देना उल्टी गंगा बहाने के समान है
वाक्य – जब पिताजी ने आलसी रमेश को पढ़ाई करते हुए देखा तब वह बोले अरे आज उल्टी गंगा कैसे बह रही है
वाक्य – लोग जीवन संवारने के लिए विदेश जाते हैं परंतु आर्यन तो पढ़ाई करके वापस अपने देश में आ गया उल्टी गंगा बहाना
वाक्य – गर्मी के मौसम में संजय गाजर का हलवा बेचता है, उल्टी गंगा बहाना तो कोई उनसे सीखे
वाक्य – हमारे कॉलेज में अध्यापक ही नोट्स पढ़कर पढ़ाते हैं, इसे ही उल्टी गंगा बहाना कहते हैं