ढाक के तीन पात कहावत पर टिप्पणी
“ढाक” एक वृक्ष को कहा जाता है, यह वृक्ष “पलाश” के नाम से भी जाना जाता है। “पात” का अर्थ पत्ते होते हैं।
इस वृक्ष की एक खासियत यह है कि इसमें पत्ते हमेशा 3 के समूह में होते हैं. कोई कुछ भी कर ले हर काल, स्थिति में इस पेड़ के पत्ते 3 के समूह में ही पाए जाएंगे।
यह कहावत संकेत रूप में प्रयोग किया जाता है जिस प्रकार ढाक के पत्ते हमेशा 3 के समूह में रहते हैं कुछ भी हो जाए संख्या 3 ही रहेगी उसी प्रकार जिस व्यक्ति की दशा हमेशा एक जैसी रहती है, अथवा किसी प्रकार का बदलाव नहीं आता वहां इस कहावत का प्रयोग होता है।
ढाक के तीन पात का वाक्य में प्रयोग (sentence)
वाक्य – हमारे देश में कई सरकारें आई और गई पर स्थिति वही ढाक के तीन पात
वाक्य – सुरेश के काम ही इतने खराब है कि उसकी हालत हमेशा ढाक के तीन पात रहती है
वाक्य – एक साल पहले भी तुम बीमार थे और इस साल भी तुम्हारा वही हाल है इसे कहते हैं ढाक के तीन पात होना
वाक्य – संजय तो ढाक के तीन पात जैसा है, गर्मी हो या बरसात उसे कोई फर्क नहीं पड़ता
वाक्य – पिताजी ने इतना बोला कि गलत काम छोड़ दो मगर योगेश तो ढाक के तीन पात के बराबर है