अंधी पीसे कुत्ता खाए पर टिप्पणी
किसी की असावधानी या अज्ञानता का लाभ उठाकर उसके परिश्रम का लाभ कोई दूसरा उठाय।
“अंधी पीसे कुत्ता खाए” एक कहावत है और कहावत मुहावरे से अलग होता है। हर कहावत की तरह इस कहावत के पीछे भी कोई प्राचीन इतिहास या कहानी जुड़ी हुई है।
अंधी पीसे कुत्ता खाए का वाक्य प्रयोग
वाक्य – आजकल की नौकरियां ऐसे है जैसे अंधी पीसे कुत्ता खाए।
वाक्य – राकेश अपने आप को बुद्धिमान समझता है, लेकिन सब उससे काम करवाते हैं। यह तो वही बात हो गई कि “अंधी पीसे कुत्ता खाए”।
वाक्य – पिता मेहनत करके पैसा कमाता है लेकिन बेटा सब पैसा मौज-मस्ती में उड़ा देता है। शायद ऐसे लोगों के लिए ही कहा गया है “अंधी पीसे कुत्ता खाए”।
वाक्य – जबसे लालू मरा है उसकी मां की हालत अंधी पीसे कुत्ता खाए की तरह हो गई है।