चींटी के पर निकलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

Meaning
चींटी के पर निकलना मुहावरे का अर्थ (chiti ke par nikalna muhavare ka arth) – सामर्थ्य से बढ़कर बात करना

चींटी के पर निकलना पर टिप्पणी

दोस्तों चीटियां कई प्रकार की होती है – लाल, काली, बड़ी, छोटी आदि इनमें से कुछ चीटियां की प्रजाति ऐसी होती हैं जिनके पंख होते हैं और वह उड़ सकते हैं। 

उड़ने वाली चीटी आप लोगों ने कम ही देखी है इसलिए यह बड़ी बात है।

चींटी एक जमीन पर चलने वाला प्राणी है मगर जब उसके पंख निकल जाते हैं तब वह इधर-उधर उड़ने लगती है अर्थात उसका सामर्थ्य बढ़ जाता है।

फिर भी चींटी तो एक चींटी ही है और दूसरे प्राणियों से उसकी क्या तुलना इसलिए चींटी के पर निकलने का मतलब सामर्थ्य से बढ़कर दिखाना होता है, इसका दूसरा अर्थ घमंडी होना भी होता है। 

चींटी के पर निकलना का वाक्य प्रयोग

वाक्य – कल का लड़का राकेश अब सरपंच का चुनाव लड़ेगा, उस चींटी के पर निकल आए हैं।

वाक्य – आर्यन का एग्जाम क्या निकल गया वह समझता है उसकी अच्छी लाखों की नौकरी लग जाएगी, इसे कहते हैं चींटी के पंख निकलना।

वाक्य – नौकरी करने वाले इतनी मेहनत करते हैं तब कहीं जाकर अच्छा पैसा कमा पाते हैं और इतने में ही खुद को धनवान समझने लगते हैं, इसे कहते हैं चींटी के पंख निकलना।

वाक्य – आज एक दुर्बल व्यक्ति को दंड-बैठक लगाते हुए देख मुन्ना पहलवान बोला “क्यों भाई चींटी के भी पर निकल आए”।