ढांचा डगमगा उठना मुहावरे का अर्थ आसान भाषा में
ढांचा अर्थात रूपरेखा जैसे मकान का ढांचा, शरीर का ढांचा ,कुर्सी आदि का ढांचा
किसी मकान के संदर्भ में देखें तो आप ऐसे समझे जैसे शुरुआत में चार खंभे गाड़ी जाते हैं इसको मकान का ढांचा कहा जा सकता है फिर दिवाल मनाई जाती है ईट से और फिर छत बनती है
शरीर का ढांचा हड्डियों से बना पिंजर होता है
इन दो उदाहरण से आप समझ गए होंगे कि ढाचा का अर्थ क्या है
डगमगा उठने से मतलब है हिल उठना.
जिस प्रकार किसी छोटे बालक के माता-पिता उसके आधार होते हैं और यदि वह ना रहे तो उस छोटे बालक का जीना असंभव हो जाता है उसी प्रकार जहां जहां किसी व्यक्ति वस्तु विशेष की आधार हिलने की बात होती है वहां पर यह मुहावरा का प्रयोग होता है
हर व्यक्ति तथा वस्तु का आधार अलग अलग होता है
ढांचा डगमगा उठना का वाक्य में प्रयोग
वाक्य प्रयोग – जब से हमारे देश में कोरोना महामारी आई है तब से मानो हमारे देश कि अर्थव्यवस्था का ढांचा डगमगा गया है
वाक्य प्रयोग – कभी-कभी एक छोटी सी गलती से भी जीवन का ढांचा डगमगा उठता है
वाक्य प्रयोग – राकेश अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था घर का आजीविका चलाने वाला था उसके चले जाने के बाद मानो उसके घर का ढांचा डगमगा उठा है
वाक्य प्रयोग – आज के युग में यदि दो देशों में जंग छिड़ी तो मानो पूरी धरती पर शांति का राज डगमगा उठेगा
वाक्य प्रयोग – भूकंप के आने से मानो हमारे घर का ढांचा ही डगमगा उठा है
वाक्य प्रयोग – जब हुसैन बुढ़ापे में जमीन पर गिर गए तो उनका ढांचा डगमगा उठा