मुंह मोड़ना पर टिप्पणी
गरीब व दरिद्र को कोई नहीं पूछता, सब उन्हें एक निकृष्ट जीव समझते हैं। इस संसार में गरीबी और दरिद्रता बहुत बड़े अभिशाप है, पीढ़ी दर पीढ़ी निकल जाती है पर गरीबी नहीं जाती।
सामान्यतः हर कोई एक गरीब व्यक्ति का तिरस्कार अथवा शोषण करते हैं और तिरस्कार करने को ही “मुंह मोड़ना” कहते हैं
मुंह मोड़ना का वाक्य प्रयोग
वाक्य – विपत्ति के समय मैं तो आपने भी मुंह मोड़ लेते हैं
वाक्य – एक दरिद्र और हीन व्यक्ति से सभी मुंह मोड़ते हैं
वाक्य – अब खेलकूद से मुंह मोड़ो और पढ़ाई लिखाई में ध्यान दो
वाक्य – दूसरों के बहकावे में आकर राकेश ने अपने प्रिय मित्र से मुंह मोड़ लिया