एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा कहावत पर टिप्पणी
यह कहावत है ना कि मुहावरा और मुहावरे कहावत में भिन्नता होती है।
जब किसी व्यक्ति में दो-दो अवगुण होते हैं अथवा एक अवगुण पहले से हो और एक नया अवगुण भी आ जाए तब इस कहावत का ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयोग होता है। उदाहरण के तौर पर कोई व्यक्ति बहुत बदसूरत दिखता है और साथ में वह गाली भी देता हो।
इस कहावत में करेले और नीम की बात की गई है और दोनों ही अत्यंत कड़वे पदार्थ होते हैं।
आप इस कहावत को ऐसे याद कर सकते हैं कि माननीय वैद्य ने आपके घाव पर पहले करेले का लेप लगाया हो जिससे आपका पीड़ा और बड़ी फिर वैद्य ने वहीं नीम का भी लेप लगा दिया।
एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा का वाक्य (sentence)
वाक्य – रमेश काम-धंधा तो करता नहीं और गाली-गलौज अलग करता है। इसी के लिए यह कहावत ‘एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा’ बनी है।
वाक्य – संजय गरीब तो था ही और गलत संगति के कारण जुआ भी खेलने लगा। एक तो करेला, ऊपर से नीम चढ़ा।
वाक्य – ना तो वह काम करता है और ना ही उसने बीवी-बच्चे पाले। वह तो एक करेला, दूसरे नीम चढ़ा है।