घोड़े बेचकर सोना मुहावरे का सही अर्थ क्या है और वाक्य प्रयोग 

Meaning
‌‌‌घोड़े बेचकर सोना मुहावरे का अर्थ (ghode bech kar sona ka arth) – बेफिक्र होकर सोना, गहरी नींद में सोना

घोड़े बेचकर सोना पर टिप्पणी

पहले के जमाने में जब मोटरसाइकिल या गाड़ी नहीं थी तब ज्यादातर घोड़े, खच्चर, गधे ही सामान ले जाने में प्रयोग होते थे तथा घोड़ों का व्यापार भी खूब चलता था क्योंकि इनकी जरूरत(demand) भी थी.

जो लोग घोड़े आदि का व्यापार करते थे, जब उनके घोड़े बिक जाते थे तब आई हुई धनराशि से प्रसन्न और निश्चिंत होकर वह सो जाते थे इसलिए इस मुहावरे का अर्थ निकलता है निश्चिंत होकर सोना.

In English “deep and carefree sleep”.

घोड़े बेचकर सोना का वाक्य प्रयोग (sentence)

वाक्य – संजय काम-धंधा कुछ करता नहीं और घोड़े बेचकर सोता रहता है सारा दिन

वाक्य – यहां घर में इतना क्लेश चल रहा है और सरिता घोड़े बेच कर सो गई मानो कुछ हुआ ही नहीं

वाक्य – एक बार मेरा काम तो खत्म होय फिर घर जाकर आराम से घोड़े बेच कर सो जाऊंगा

वाक्य – यहां शोर से मेरी रातों की नींद उड़ी रहती है और वहां मकान मालिक घोड़े बेच कर सोता रहता है