जहां चाह वहां राह पर टिप्पणी
यह बड़ा प्रचलित कहावत है इसका मतलब होता है – यदि कोई कठिन से कठिन, असंभव कार्य हो फिर भी अगर मनुष्य हार ना माने और दृढ़ निश्चय होकर लग जाए उपाय खोजने में तो आज नहीं तो कल, जल्दी से देरी से उसे रास्ता व उपाय अवश्य मिलेगा।
Law of Attraction का भी यही सिद्धांत है – पहले इच्छा(desire) कीजिए, इच्छा(desire) तीव्र होनी चाहिए फिर उपाय व रास्ता खोजिए और वह भी मिल जाएगा ।
मैं उदाहरण देते हुए नेपोलियन हिल की लिखी किताब Think And Grow Rich में उनके बेटे का वर्णन करना चाहूंगा। उनका बेटा जन्म से ही बहरा था। मगर नेपोलियन हिल की ऐसी मान्यता थी कि कुछ भी असंभव नहीं है। उन्होंने अपने बहरे बैठे के मस्तिष्क में यह विचार डाल दिया कि तुम बहरे नहीं हो और तुम सुन सकते हो। वह बेटा भी यही मानने लगा परंतु फिर भी वह सुन नहीं पता था मगर वह उपाय खोजता रहता था। जब वह बड़ा हो गया तब अचानक एक दिन एक ऐसे यंत्र का पता चला जिसका अभी अभी अविष्कार हुआ था, जिसके प्रयोग से एक बहरा सुन सकता था। इस यंत्र को इस्तेमाल करने वाला वह पहले व्यक्तियों में से एक था।अतः इस यंत्र से वह सुनने लगा और आगे जाकर इस यंत्र की मार्केटिंग भी की ताकि यह यंत्र दूसरे बहरे लोगों तक पहुंच सके।यह वृतांत उस जमाने का है जब ऐसा कोई यंत्र नहीं था जिसके भरोसे कोई बहरा आदमी सुन सकता था।
In English proverb “Where there is will, there is a way”
जहां चाह वहां राह का वाक्य
वाक्य – तुम यो हाथ पर हाथ रखकर मत बैठो, कोशिश करते रहो क्योंकि जहां चाह वहां राह है।
वाक्य – राकेश बचपन में स्टार बनना चाहता था और आज पता नहीं कैसे व स्टार भी बन गया, इसे कहते हैं जहां चाह वहां राह।
वाक्य – मैं बहुत बड़ा व्यापारी बनना चाहता था लेकिन बीमारी के कारण नहीं बन सका। पता नहीं क्यों लोग झूठ बोलते हैं कि जहां चाह वहां राह।
वाक्य – दशरथ मांझी(Mountain Man) ने अकेले पहाड़ खोदकर रास्ता बना कर “जहां चाह वहां राह” को सत्य साबित कर दिया।