कर्म ही पूजा है का अर्थ, उदाहरण, कहानी और निबंध in hindi

Meaning
कर्म ही पूजा है का अर्थ (karm hi pooja hai ka arth) – अपने काम को कर्तव्य समझकर पूरी श्रद्धा के साथ करना चाहिए

कर्म ही पूजा है पर टिप्पणी

यह वाक्य “कर्म ही पूजा है” हमारे भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था जिसका मतलब होता है – हमें अपने काम को कर्तव्य समझकर करना चाहिए, जिस प्रकार हम पूजा श्रद्धा और समर्पण के साथ करते हैं उसी प्रकार हर व्यक्ति को यह नहीं सोचना चाहिए कि काम छोटा है या बड़ा, अपना काम पूरी श्रद्धा के साथ करना चाहिए. 

हमें अपना काम किसी पूजा से कम नहीं समझना चाहिए मगर इसका मतलब यह भी नहीं कि काम करने का फल पूजा(भक्ति) के फल के समान है.

In English “Work is Worship”.

उदाहरण: कोरोना काल में डॉक्टरों को बहुत तनाव का सामना करना पड़ा और काफी ज्यादा काम करना पड़ा. उन्हें रात-रात जागकर बिना वेतन लिए भी काम करना पड़ा. यदि डॉक्टर विपत्तियों के कारण घर बैठ जाते तो मरीज को कौन देखता. कोरोना काल में डॉक्टरों ने अपने काम को कर्तव्य समझकर पूर्ण श्रद्धा के साथ किया हर विपत्ति और परेशानी के बावजूद. उनके लिए तो मरीजों की सेवा ही पूजा है.

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