जमीन पर पाँव न रखना पर टिप्पणी
“जमीन पर पांव न पड़ना” या “जमीन पर पाव न रखना” दोनों एक ही मुहावरे हैं.
जब कोई ऐसी घटना या समाचार सुनने को मिले जिससे हमारी खुशी का ठिकाना नहीं रहे तब इस मुहावरे का प्रयोग होता है. अत्यधिक खुशी के कारण व्यक्ति अभिमान व घमंड भी करने लगता है इसलिए इसका दूसरा अर्थ घमंड से चूर होना भी होता है.
उदाहरण: परिवार का लड़का अगर अफसर बन जाए तो खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहेगा और मां-बाबा अभिमान और घमंड के कारन सब को बताते फिरेंगे की देखो हमारा बेटा अफसर बन गया
जमीन पर पाँव न रखना का वाक्य प्रयोग
वाक्य – शिवम को व्यापार में प्रगति क्या हो गई उसके तो जमीन पर पांव नहीं पड़ रहे
वाक्य – मुन्ना की लॉटरी क्या लग गई वह तो फाइव स्टार में खाना खाने लगा आखिर कब तक उसके पैर जमीन पर नहीं पड़ेंगे
वाक्य – पप्पू के पास धन के मामले में है तो कुछ नहीं फिर भी उसके पैर कभी भी जमीन पर नहीं पड़ता
वाक्य – बेटे के अफसर बन जाने से मां का पैर जमीन पर नहीं पड़ रहा