जिसकी लाठी उसकी भैंस कहावत पर टिप्पणी
यह एक कहावत है ना कि मुहावरा, कहावत और मुहावरों में भिन्नता होती है।
इस कहावत में “लाठी” शक्ति का प्रतीक है और “भैंस” अधिकार व साधन का। जैसे एक गाय-भैंस चराने वाला लाठी से भैंस को हाकता है अर्थात चलाता है और भैंस को नियंत्रण में रखता है, उसी प्रकार एक शक्तिशाली व्यक्ति अपनी शक्ति के बल पर साधन व अधिकार प्राप्त कर लेता है।
ऐसा कहा भी जाता है कि समाज में शक्तिशाली व्यक्ति की ही चलती है।
जिसकी लाठी उसकी भैंस का वाक्य में प्रयोग
वाक्य – जैसा मोदी जी चाहेंगे देश भी उसी दिशा में जाएगा क्योंकि जिसकी लाठी उसकी भैंस।
वाक्य – सेठ जो काम चाहता है गांव वाले वही करते है, आखिर जिसकी लाठी उसकी भैंस।
वाक्य – यहां के मुख्यमंत्री योगी जी हैं वह जो चाहते हैं वैसा ही होता है, जिसकी लाठी उसकी भैंस।
वाक्य – आरटीओ ऑफिस में लंबी कतार लगी थी पंजीकरण के लिए, तभी एक युवक बिना कतार में लगे काम करवा आया। इसे कहते हैं जिसकी लाठी उसकी भैंस।