अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता लोकोक्ति का अर्थ और वाक्य प्रयोग sentence

Meaning
अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता लोकोक्ति का अर्थ (akela chana bhad nahi phod sakta ka arth) – अकेला आदमी कोई बड़ा काम नहीं कर सकता

अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता कहावत पर टिप्पणी

इस कहावत का मतलब है कोई अकेला व्यक्ति बड़ा काम करने में असक्षम है। 

आज के आधुनिक काल में जहां मोबाइल, इंटरनेट, कंप्यूटर, सोशल मीडिया आदि है वहां एक अकेला व्यक्ति बहुत कुछ कर सकता है फिर भी यदि कोई बड़ा काम, बड़ा परिवर्तन, बड़ी सफलता हासिल करनी है तो हमें संगठन शक्ति की जरूरत है इसीलिए अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।

इसका सबसे अच्छा उदाहरण है देश में corruption को खत्म करना। जब सभी नागरिक – एक चपरासी से लेकर अफसर तक, अफसर से लेकर प्रधानमंत्री तक में बदलाव आएगा तभी यह काम संभव है।

अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता वाक्य प्रयोग (sentence) 

वाक्य – अगर देश को प्रगति करनी है तो हर छोटे से लेकर बड़े व्यक्ति को प्रयास करना होगा। अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता। 

वाक्य – कक्षा के अनुशासन के लिए केवल मॉनिटर ही जिम्मेदार नहीं, यह तो सब का काम है। आखिर अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।

वाक्य – जब मैं नया नया व्यापार में आया था तब अकेले ही सब कुछ करने का सोचा था। मगर मैं क्या जानना था कि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।

वाक्य – भारत की आजादी में केवल गांधी को श्रेय देना गलत है, इसमें तो कई लोग जैसे भगत सिंह, नेताजी बोस, झांसी की रानी आदि लोगों का भी बलिदान है। अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।