कोल्हू का बैल पर टिप्पणी
कोल्हू का अर्थ- तेल निकालने का यंत्र
कोल्हू का बैल किसे कहते हैं?
आज के बिहर गांव और प्राचीन काल में जब बिजली नहीं थी तब तेल निकालने का काम कोल्हू का बैल करता था. कोल्हू को आप ऐसे समझे कि कोई यंत्र होता है इसमें तेल निकालने के लिए बीज डाले होते हैं और कोल्हू से बैल को जोड़ दिया जाता है, बैल कोल्हू के गोल चक्कर लगाता रहता है लगातार जिससे कोल्हू में रखे बीज crush होने के कारण उसमें से तेल निकल जाता है.
बैल के लिए यह बड़ा ही मेहनत का कार्य है और बैल पूरा दिन गोलू गोल चक्कर ही लगाता रहता है. “कोहलू का बैल” मुहावरे का मतलब दिन-रात परिश्रम करना होता है
कोल्हू का बैल का वाक्य प्रयोग (sentence)
वाक्य – सुरेश अफसर बनने के लिए कोल्हू के बैल की तरह पढ़ाई करता है
वाक्य – नोटबंदी के समय सारे बैंक कर्मचारियों को कोल्हू के बैल की तरह काम करना पड़ा था
वाक्य – जो लोग मजदूरी करते हैं उनका जीवन भी कोल्हू के बैल के समान ही होता है
वाक्य – जबसे रमेश नौकरी छोड़ व्यापार शुरु किया है वह तो पूरा कोल्हू का बैल बन गया है