लेने के देने पड़ना पर टिप्पणी
जब किसी कार्य का फल हमें अपेक्षा के उल्टा मिलता है तब हम “लेने के देने पड़ना” मुहावरे का प्रयोग करते हैं। जैसे हम मान के चले की किसी व्यापार को करने से फायदा होगा लेकिन हमें परिणाम में उल्टा नुकसान ही हो जाए। इस मुहावरे का अर्थ कहीं कहीं पर ‘जान जोखिम में होना’ भी होता है।
लेने के देने पड़ना वाक्य में प्रयोग
वाक्य – मुझे क्रोध मत दिलाओ कहीं ऐसा ना हो कि तुम्हें लेने के देने पड़ जाए ।
वाक्य – रामू ने व्यापार करने के लिए ब्याज पर लोन तो ले लिया लेकिन कहीं अंत में उसे व्यापार में लेने के देने न पड़ जाए।
वाक्य – तुमने लालच में कश्मीर में ट्रांसफर तो ले लिया लेकिन कहीं तुम्हें लेने के देने न पड़ जाए।
वाक्य – लोमड़ियों के समूह में जब अकेला शेर घुस जाता है तब उसे लेने के देने पड़ जाते हैं।
वाक्य – ठंड कुछ कम क्या हुई तुमने स्वेटर पहनना छोड़ दिया कहीं ऐसा ना हो कि लेने के देने पड़ जाए।