मान न मान मैं तेरा मेहमान कहावत पर टिप्पणी
इसका मतलब होता है जबरदस्ती गले पड़ना अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए। जो हमसे कुछ फायदा चाहते हैं वह किसी भी बहाने से हमसे संबंध जोड़ते हैं जैसे कोई बचपन का दोस्त, दूर का रिश्तेदार, या पड़ोसी हो। तब हम कहते हैं ऐसे व्यक्तियों को ‘मान न मान मैं तेरा मेहमान’
मान न मान मैं तेरा मेहमान का वाक्य प्रयोग (sentence)
वाक्य – मैं अपने चाचा से दूर ही रहता हूं मगर वह मेरे घर आ जाते हैं बार-बार। यह तो वही बात हो गई मान न मान मैं तेरा मेहमान।
वाक्य – जब देखो पड़ोसी कुछ न कुछ मांगने आ जाते हैं, मान न मान मैं तेरा मेहमान।
वाक्य – मैं तुम्हारे बचपन का मित्र नहीं हूं, मान न मान मैं तेरा मेहमान।
वाक्य – अमीर और गरीब में संबंध कैसा ‘मान न मान मैं तेरा मेहमान’।