जंगल में मोर नाचा किसने देखा पर टिप्पणी
यह कहावत है ना कि मुहावरा। कहावत और मुहावरे में अंतर होता है।
मोर को देखना किसे नहीं पसंद तथा मोर को नाचना देखना बड़ी दुर्लभ घटना है परंतु मोर का नाचना जो कि एक अत्यंत दुर्लभ घटना है वह तो जंगल में होता है और हम मनुष्य तो शहर में रहते हैं फिर हम मोर का नृत्य कैसे देखेंगे।
इस तरह से मोर के नाचने की प्रशंसा कोई नहीं कर सकता।
उसी प्रकार यदि कोई प्रतिभाशाली व्यक्ति अपनी प्रतिभा किसी ऐसे स्थान पर दिखाएं जहां देखने वाला कोई नहीं तो फिर उसके प्रतिभा का सम्मान भी नहीं हो सकता। बिना लोकप्रदर्शन के नाम, काम, और दाम मिलना कठिन है।
जंगल में मोर नाचा किसने देखा का वाक्य प्रयोग
वाक्य – राकेश बोला मैं एक टांग पर खड़े होकर गुलाटी मार लेता हूं, तब पंकज बोला मैं नहीं मानता आखिर जंगल में मोर नाचा किसने देखा।
वाक्य – सरिता को बहुत अच्छी चित्रकला आती है मगर गांव में वह अपने गुण के कारण भूखी मर जाएगी आखिर जंगल में मोर नाचा किसने देखा।
वाक्य – रामानुजन हमारे भारत के महान गणितज्ञ हुए मगर देश में रहते हुए उनकी किसी ने कदर नहीं कि आखिर जंगल में मोर नाचा किसने देखा।