नाम निशान न रहना पर टिप्पणी
किसी व्यक्ति या जगह की पहचान नाम से होती है या प्रतीक से होती है. यदि किसी व्यक्ति या जगह का नाम और प्रतीक दोनों ही लुप्त हो जाए तो संसार में ऐसे व्यक्ति के होने का कोई प्रमाण नहीं और जब किसी व्यक्ति के होने का कोई प्रमाण नहीं तो उसका अस्तित्व भी कुछ नहीं
जब किसी के अस्तित्व ही खत्म हो जाए तब “नाम निशान न रहना” मुहावरे का प्रयोग होता है
नाम निशान न रहना का वाक्य प्रयोग
वाक्य – श्री राम ने वनवास काल में असुरों का नामोनिशान मिटा दिया था
वाक्य – जब काल की गति चलती है तो महान सभ्यताएं का भी नाम निशान नहीं रहता
वाक्य – greek, इजिप्शियन जैसी सभ्यताएं का आज नाम निशान नहीं रहा , सिर्फ हिंदू सभ्यता ही आज बची है
वाक्य – युद्ध में कई योद्धाओं का नाम निशान मिट जाता है
वाक्य – कश्मीरी मुसलमानों ने कश्मीरी घाटी से कश्मीरी पंडितों का नामोनिशान मिटा दिया