नुक्ताचीनी करना पर टिप्पणी
यह एक असामान्य और अप्रसिद्ध मुहावरा है जिसका मतलब दोष निकालना, कमी निकालना, आलोचना करना आदि होता है ।
गलती करना मनुष्य का स्वभाव है, मानव गलतियों का पुतला है। हर व्यक्ति में कुछ ना कुछ अवगुण होते ही हैं मगर कुछ लोग ऐसे स्वभाव के होते हैं जो हमेशा दूसरों के अवगुण ही गिनते रहते हैं।
दूसरों के दोष गिनाना ही “नुक्ताचीनी करना” हैं। उदाहरण के तौर पर सास दूसरों के सामने अपनी बहू के अवगुण ही गिनाते रहती है।
नुक्ताचीनी करना का वाक्य प्रयोग
वाक्य – राकेश के स्वभाव ही ऐसा है उसे जब क्रोध आता है तो वह सबकी नुक्ताचीनी करने लगता है
वाक्य – सरिता कल ही ब्याह कर आई है और अभी से उसकी सास ने नुक्ताचीनी करना शुरू कर दिया है
वाक्य – दूसरों की नुक्ताचीनी करने से पहले अपने अवगुण भी परख लेना चाहिए
वाक्य – नाम उसका विवेक है लेकिन नाम के गुण से बिल्कुल विपरीत वह नुक्ताचीनी करता रहता है