पीठ ठोकना पर टिप्पणी
“पीठ ठोकना” या “पीठ थपथपाना” मुहावरा है जिसका मतलब शाबाशी देना, प्रोत्साहन देना, उत्साहित करना आदि होता है। यह तभी होता है जब सामने वाला आप से अति प्रसन्न हो।
अक्सर माता-पिता अपने बालक व बालिका की पीठ थपथपा ते है जब वह पढ़ाई के संदर्भ में कुछ अच्छा करता है।
मुहावरा एक एसा वाक्य होता हे जो अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर असामान्य अर्थ प्रकट करते है, मुहावरे अपूर्ण वाक्य होते हे।
मुहावरे रोजमरा के जीवन में केई बार प्रयोग होते हैं, इससे भाषा में चमत्कार उत्पन्न होता है और वाक्य रोचक व प्रभावपूर्ण बनते हैं।
पीठ ठोकना का वाक्य प्रयोग
वाक्य – पंकज का निबंध सुनकर शिक्षक महोदय ने उसकी पीठ ठोकी
वाक्य – रामू ने कक्षा में टॉप किया है यह जान पिताजी ने उसकी खूब पीठ ठोकी
वाक्य – देश की रक्षा करते हुए बाल-बाल बचे सैनिक की सबने पीठ ठोकी
वाक्य -सुरेश दिन भर पढ़ता रहता है, यह देख उसका बड़ा भाई उसकी रोज पीठ थपथपाता है