सूरज पर थूकना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

Meaning
सूरज पर थूकना मुहावरे का अर्थ (suraj par thukna muhavare ka arth) – निर्दोष व्यक्ति पर दोष लगाना

सूरज पर थूकना मुहावरे का अर्थ समझे

यह बड़ा असामान्य मुहावरा है।सामान्य बोलचाल की भाषा में इस मुहावरे को आपने शायद ही सुना होगा।“सूरज पर थूकना” का अर्थ किसी ऐसे व्यक्ति पर दोष लगाना होता है जो कि वास्तव में निर्दोष हो।

सूरज पर थूकना पता नहीं कौन सी सदी में मुहावरा बन गया और किस अभिप्राय से।वैसे तो यदि कोई सच में सूरज पर थूकने का प्रयास करें तो इससे पता नहीं क्या लाभ होगा।

इससे मिलते-जुलते मुहावरे हैं “चांद पर थूकना” और “आसमान पर थूकना”।

सूरज पर थूकना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

वाक्य – पंकज जीजा के बारे में कुछ भी कहना तो सूरज पर थूकना है।

वाक्य – श्याम पर चोरी करने का आरोप लगाना तो सूरज पर थूकने के समान है।

वाक्य – भरत पर राजसत्ता के लोभ में प्रभु राम को देश निकाला देने का आरोप सूरज पर थूकने के सामान हे।  

वाक्य – अक्सर देखा गया है कि भोले लोगों को फंसाने के लिए कई बार लोग उन पर दोष लगाते हैं।यह तो सूरज पर थूकने के समान है।

वाक्य – कोर्ट कचहरी में वकीलों को केस जीतने के लिए कई बार लोगों को फंसा कर सूरज पर थूकना पड़ता है।