ऊँची दुकान फीका पकवान पर टिप्पणी
यह एक कहावत है ना कि मुहावरा. कहावतें और मुहावरों में भिन्नता होती है.
यह एक सरल कहावत है जिसका तात्पर्य यही है कि जिन दुकाने का नाम बड़ा होती है यह जरूरी नहीं कि उनमें मिलने वाले पदार्थ इतने बढ़िया हो. ऐसी बड़ी दुकानों में सामान महंगा मिलता है परंतु कभी-कभी यह सामान दिए गए मूल्य के बराबर गुणवत्ता वाला नहीं होता. यह कहावत सिर्फ दुकान तक ही सीमित नहीं है किसी व्यक्ति के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है.
ऊँची दुकान फीका पकवान का वाक्य प्रयोग
वाक्य – जब बाबा ने पूछा कि जलेबी कैसी है तो रामेश्वर बोला ऊंची दुकान फीके पकवान
वाक्य – गीता कॉलोनी का नागपाल छोले भटूरे तो ऐसे है जैसे ऊंची दुकान फीके पकवान
वाक्य – महंत राजीव अग्रवाल फेकता तो बहुत है लेकिन उसके इलाज से मुझे बिलकुल भी फायदा नहीं हुआ, आखिर ऊंची दुकान फीके पकवान
वाक्य – सेठ है तो करोड़पति लेकिन है पूरा मक्खीचूस, सच ही है ऊंची दुकान फीके पकवान