उल्टा चोर कोतवाल को डांटे पर टिप्पणी
यह एक कहावत है जिसका सीधा सरल मतलब यह है कि कोई अपराधी या किसी व्यक्ति ने गलती कर दिया परंतु अपना दोष दूसरे व्यक्ति पर लगा दीया तब हम कहेंगे उल्टा चोर कोतवाल को डांटे.
आजकल तो जैसे लोगों का स्वभाव ही बन गया है वह अपनी गलती मानने को कभी भी स्वीकार नहीं होते और हमेशा दूसरों पर दोष लगाते हैं तब दूसरा व्यक्ति कहता है “अरे उल्टा चोर कोतवाल को डांटे”.
In English “Guilty person accusing the innocent”.
उल्टा चोर कोतवाल को डांटे का वाक्य प्रयोग (sentence)
वाक्य – रमेश आज कक्षा में देरी से आया जब मास्टरजी ने पूछा कारण तो रमेश बोला मेरी घड़ी खराब है, मास्टर जी बोले उल्टा चोर कोतवाल को डांटे
वाक्य – जब मोहित टिफिन चुराता हुआ पकड़ा गया तब वह बोला कि यह तो मेरा टिफिन है, आखिर उल्टा चोर कोतवाल को डांटे
वाक्य – राजनेता से बड़ा उदाहरण उल्टा चोर कोतवाल को डांटे का और कोई नहीं
वाक्य – पंकज ने जान बूझकर क्रोध में फोन पटक के तोड़ दिया और पिताजी से कहने लगा कि फ़ोन घटिया है, आखिर उल्टा चोर कोतवाल को डांटे
वाक्य – जब रमेश की नौकरी नहीं लगी तो वह करोना का बहाना मारने लगा, इसे कहते हैं उल्टा चोर कोतवाल को डांटे
उल्टा चोर कोतवाल को डांटे पर कहानी (story)
एक जमाने की बात है जहां राजा और उसकी प्रजा रहती थी. प्रजा सुख से रहती थी. सभी चैन से रहते थे, वहां कभी भी चोरी जैसी घटना नहीं होती थी
उस राज्य में कोई राजगीर आया और जब वो राजा के भवन के पास से जा रहा था तो उसने देखा कि सारे सैनिक सो रहे हैं. राजा के भवन की सुंदरता देख वो राज महल के अंदर चला गया. उसने एक सोने की चांदी का बेशकीमती सामान देखा और उसके मन में विचार आया कि कुछ सामग्री अपनी झोली में डाल लिया जाए. उसने एक बहुमूल्य सामग्री अपनी झोली में डाला और वह निकल पड़ा.
जब अगले दिन सुबह हुई तो वह बहुमूल्य सामग्री गायब देख लोगों ने हल्ला मचा दिया. राजा के पास खबर पहुंचाई गई की चोरी हो गई है तब राजा ने तुरंत अपने राज्यपाल एवं चौकीदार को बोला कि चोर को पकड़ कर लाया जाए.
कई समय बीत गया, कोई भी चोर को नहीं पकड़ पाया यह जान चोर की हिम्मत बढ़ गई और उसने फिर चोरी करने की हिम्मत की इससे राजा बौखला उठा और उसने चोर हर हालत में पकड़ लेने की मांग रखी.
अब सारे चौकीदार चौकन्ना हो गए थे और पहरा तगड़ा हो गया था. काफी समय बीत जाने के बाद चोर ने सोचा अब तो सब ठंडा पड़ गया होगा इसलिए चलो चोरी करते हैं लेकिन इस बार जब चोर चोरी करने गया तो वह पकड़ा गया उसे राजा के सामने लाया गया राजा ने उसे कहा “तुमने चोरी की है तुम को इसकी सजा मिलेगी”.
यह सुनते ही चोर ने कहा “हुजूर आपने कैसे चौकीदार रखे हैं जो हमेशा पहरे के समय सोते रहते है? ऐसे तो आपका सारी धन सामग्री ही लुट जाएगा।”
मैं तो बस इनकी परीक्षा ले रहा था कि ये लोग कब अपनी ड्यूटी सही तरीके से करेंगे। मैं तो राज कोश का सारा सामान भी वापस दे दूँगा।
ऐसा कहकर चोर ने अपनी जान भी बचा ली और सारा दोष राजा के सिपाहियों पर मढ़ दिया यह कहकर कि तुमलोग कितने लापरवाह हो। तुम सब अपने राजा की सारी संपत्ति लुटवा दोगे।
राजा सब कुछ समझते हुए भी कुछ न कह सके।
इसके बाद ही यह मुहावरा कहा जाने लगा कि “उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे।”
राजा ने सिपाहियों को निकाल दिया और सैनिक खाली बैठकर चोर वाला गेम खेलने लगे