आटे दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

Meaning
आटे दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का अर्थ (aate daal ka bhav malum hona ka arth) – कठिनाइयों का ज्ञान होना, दुनियादारी का ज्ञान होना

आटे दाल का भाव मालूम होना टिप्पणी

क्या आपको आटे दाल का भाव मालूम है? अगर नहीं तो जरूर आप अभी पढ़ने-लिखने में ही लगे होंगे, अभी तक आप जीवन के सत्य से रूबरू नहीं हुए हैं तथा आप अपने माता पिता पर निर्भर हैं.

आटे दाल का भाव मालूम होना का मतलब है जिंदगी की हकीकत से रूबरू होना. यह मुहावरा विशेषकर उन लोगों के लिए प्रयोग होता है जो अभी तक आराम की जिंदगी ही जी रहे थे परंतु किसी कारणवश अब उन्हें जमीनी हकीकत का सामना करना पड़ रहा है.

आटे दाल का भाव मालूम होना का वाक्य प्रयोग (sentence) 

वाक्य – जब तक मैं घर पर मां-बाप के साथ रहता था तब तक मुझे आटे दाल का भाव नहीं मालूम था

वाक्य – शिवेंद्र जब तक छोटा था खूब धन का दुरुपयोग करता था मगर जब से उसकी नौकरी लगी है उसे आटे दाल का भाव मालूम हो गया है

वाक्य – अंबानी का लड़का आटे दाल के भाव जान कर क्या करेगा

वाक्य – विवाह से पहले तो पंकज को आटे दाल के भाव तक नहीं मालूम थे

वाक्य – जब मेरी बीमारी मैं मुझे किसी ने साथ नहीं दिया तभी मुझे आटे दाल का भाव मालूम हुआ

वाक्य – कोरोना के समय उनको भी आटे दाल के भाव का ज्ञान हो गया जिन्हें पहले नहीं था