अंगारे उगलना पर टिप्पणी
इससे मिलता जुलता मुहावरे – जली-कटी सुनाना, जहर उगलना।
कोई व्यक्ति मुंह से ही उगल सकता है और यहां पर अंगारे उगलने की बात है। “अंगारे” यहां नेगेटिव वस्तु है इसलिए इस मुहावरे का मतलब निकला बुरा-भला बोलना, कड़वे बोल बोलना।
दोस्तों जो बात-बात पर कड़वे बोल बोलते हैं वह और कुछ नहीं अपने दुर्भाग्य को निमंत्रण दे रहे हैं इसलिए सदैव मीठा बोलिए
अंगारे उगलना का वाक्य प्रयोग (sentence)
वाक्य – पिताजी के मना करने के बाद भी रमेश खेलने चला गया यह जान पिता जी अंगारे उगलने लगे
वाक्य – किसी किसी का स्वभाव ही होता है वह जब भी मुंह खोलते हैं अंगारे ही उगलते है
वाक्य – राकेश की शादी की बात कोई छेड़ दे, वह आवेश में आ जाता है और अंगारे उगलना लगता है
वाक्य – सरिता ऐसे-ऐसे गुल खिलाती है कि सब परिवार वाले उस पर अंगारे उगलते हैं
वाक्य – यह पागल है इसे कुछ भी बोलो बस अंगारे ही उगलता है