बहती गंगा में हाथ धोना पर टिप्पणी
आजकल समाज में लोगों की प्रवृत्ति ही ऐसी है कि अवसर मिलते ही सब लाभ उठाने से हिचकिचाते नहीं.आज के भ्रष्ट समाज में हर कोई अवसर का लाभ उठाना चाहता है. शायद इसी भाव को व्यक्त करने के लिए यह मुहावरा बहती गंगा में हाथ धोना बना होगा
बहती गंगा में हाथ धोना का वाक्य प्रयोग (sentence)
वाक्य – मुफ्त के समोसे बट रहे थे तभी मुफ्त खोर श्याम ने बहती गंगा में हाथ धो लिए
वाक्य – कुछ समय पहले सरकार के छात्रों के लिए फ्री लैपटॉप स्कीम चल रही थी तब मैंने भी बहती हुई गंगा में हाथ धो लिया
वाक्य – पड़ोस में किसी की शादी थी वहां स्वादिष्ट पकवान बना था तब मैंने सोचा कि मैं भी बहती गंगा में हाथ धो लूं और भोजन का स्वाद उठा लो
वाक्य – आजकल तो हर छोटा-बड़ा बहती गंगा में हाथ धोना चाहता है