चोर की दाढ़ी में तिनका पर टिप्पणी
यह एक बहुचर्चित कहावत है ना कि मुहावरा, इसके पीछे कहानी भी है. जो चोर होता है, जो अपराधी होता है उसके दिल में डर होता है और वह इस डर के कारण जाने अनजाने गलती करता है जिससे उसके अपराधी होने का पता चल जाता है.
गलत काम करने वाला व्यक्ति को हमेशा डर रहता है कि कहीं वह पकड़ा ना जाए, यदि वह पकड़ा गया तो क्या होगा, कहीं वह भीड़ देख ले तो उसे भय होता है कि इस भीड़ में कहीं पुलिस वाले तो नहीं हैं जो उसे पकड़ लेंगे.
एक चोर अपने अपराधी होने का संकेत देता ही रहता है. इन संकेतों से कोई व्यक्ति चोर का पता लगा सकता है.
In English proverb means “A Guilty Mind is always suspicious”.
चोर की दाढ़ी में तिनका का वाक्य प्रयोग
वाक्य – एक कुरूप व विचित्र सा व्यक्ति बड़ा तनाव में घूम रहा था तब मुझे एक कहावत याद आई “चोर की दाढ़ी में तिनका” और मैंने तुरंत पुलिस को फोन लगाया
वाक्य – अहमद ने चुपके से रमेश का लंच बॉक्स खा लिया, मगर जब रमेश आया तब अहमद बोला अरे आज लंच नहीं खाओगे तब रमेश बोला कहीं तुमने ही तो मेरा लंच नहीं खाया क्योंकि ‘चोर की दाढ़ी में तिनका’ होता है
वाक्य – चोरी किसने की है? यह पूछें जाने पर आर्यन पसीना-पसीना होने लगा, तब सब ने बोला यह चोर है क्योंकि “चोर की दाढ़ी में तिनका”