न रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी कहावत पर टिप्पणी
यह एक कहावत है ना कि मुहावरा, और हर कहावत की तरह इसके पीछे भी एक कहानी विद्यमान है।
बांसुरी बांस से बनती है यदि बांस ही ना रहे तो बांसुरी कैसे बनेगी और फिर बासुरी बजेगी भी कैसे? उसी प्रकार किसी झगड़े, समस्या, विवाद के मूल कारण को ही अगर नष्ट कर दिया जाए तो विवाद भी खत्म हो जाएगा।
न रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी पर वाक्य (sentence)
वाक्य – अगर कांग्रेस को प्रगति करनी है तो राहुल गांधी को सबसे पहले अध्यक्ष पद से हटाना होगा। न रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी।
वाक्य – लड़के वालों का दहेज मांगने पर सरिता ने शादी करने से ही इनकार कर दिया। ‘न रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी’।
वाक्य – पत्नी पूरे दिन फोन पर बकबक करते रहती है, यह देख पति ने फोन ही तोड़ दिया। आखिर न रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी।
वाक्य – दो भाइयों की लड़ाई में रमेश बोला “आज मैं इसे मार ही डालूंगा, ना रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी”।