घर की मुर्गी दाल बराबर लोकोक्ति का अर्थ और वाक्य sentence in hindi

Meaning
घर की मुर्गी दाल बराबर मुहावरे का अर्थ (ghar ki murgi daal barabar muhavare ka arth) – अपनी वस्तु की कदर ना करना

घर की मुर्गी दाल बराबर कहावत पर टिप्पणी

यह कहावत है ना कि मुहावरा।

इस कहावत में दो वस्तु मुर्गी और दाल के बारे में तुलना की गई है। वैसे हमारे भारत देश में दाल एक आम व्यंजन है मगर इसकी तुलना में मुर्गी महंगी होती है, लोग हफ्ते में 1-2 बार ही मुर्गी खाते हैं। मुर्गी से बने पकवान दाल की तुलना में बेहद स्वादिष्ट होता है। 

इस कहावत का मतलब है कि आसानी से प्राप्त वस्तु का कोई मोल नहीं होता। यह कहावत व्यंग के रूप में लोग अपने परिवार के जन पर प्रयोग करते हैं जैसे पति अपने पत्नी पर।

मनुष्य का स्वभाव है कि पहले से प्राप्त वस्तु की वह कदर नहीं करता।

घर की मुर्गी दाल बराबर कहावत का वाक्य (sentence) 

वाक्य – मोहन अवसर है, समाज में उनका बहुत सम्मान है मगर उसके परिवार वाले उसे कम आंकते हैं. सच है मियां घर की मुर्गी दाल बराबर

वाक्य – रामू बोला मां आज फिर मटर-पनीर तब मामा बोले आज तो स्वाद आ जाएगा. रामू बोला हम तो रोज खाते हैं आखिर घर की मुर्गी दाल बराबर

वाक्य – जब अक्षय कुमार से पूछा गया कि वह अपनी बीवी के साथ क्यों नहीं कोई मूवी(movie) करते हैं, तब वह बोले घर की मुर्गी साग बराबर

वाक्य – बीवी बोली आज पड़ोसन का छोले खाकर बड़े प्रसन्न हो और जब घर में बनता है तब तो ऐसे प्रसन्न नहीं होते, तब पति बोला घर की मुर्गी दाल बराबर होता है जी