गिरगिट की तरह रंग बदलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

Meaning
गिरगिट की तरह रंग बदलना मुहावरे का अर्थ (girgit ki tarah rang badalna muhavare ka arth) – एक बात पर स्थिर न रहना

गिरगिट की तरह रंग बदलना मुहावरे का अर्थ समझे

हम सब जानते हैं कि गिरगिट जोकि एक छोटा सा जीव होता है यह अपनी चमड़ी का रंग बदलने में बड़ा माहिर होता है।यह अपने आसपास की वस्तु के अनुसार रंग बदल लेता है।

जब कोई व्यक्ति अपनी बात अथवा वचन पर स्थिर नहीं रहता तथा हर बार अलग बात कहता है तो “गिरगिट की तरह रंग बदलना” इस मुहावरे का प्रयोग होता है।

जो व्यक्ति अपने वचन, सिद्धांत और बात पर सदा स्थिर रहता है ऐसे व्यक्ति पर हर व्यक्ति विश्वास करता है वहीं दूसरी और ऐसा व्यक्ति जो अपने वचन और बात पर स्थिर न रहे ऐसे व्यक्ति का कोई कैसे भरोसा करेगा।

गिरगिट की तरह रंग बदलना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

वाक्य – चीन पर भरोसा करना देश के लिए हानिकारक है।वह फायदे के अनुसार गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं।

वाक्य – श्याम कभी कहता है पुलिस में नौकरी करूंगा, कभी कहता है डॉक्टर बनूंगा, अगले दिन फिर कुछ और।वह तो गिरगिट की तरह रंग बदलता है।

वाक्य – बड़े भैया ने कहा था कि वह मुझे जमीन सस्ते में दे देंगे।परंतु अब वे मुझे बेचने से इनकार कर रहे हैं।भैया भी गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं।

वाक्य – मुसलमान गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं जब वह अल्पसंख्यक होते हैं तब सेकुलरिज्म की बात करते हैं और जब बहुसंख्यक हो जाते हैं तब शरिया कानून की मांग करते हैं।

वाक्य – किसी का भी भरोसा करना मगर रहीम का नहीं।उसका कोई भरोसा नहीं है वह तो गिरगिट की तरह रंग बदलता है।