नक्कारखाने में तूती की आवाज का अर्थ समझे
‘नक्कारखाना’ वह स्थान होता है जहां नक्कारा या नगाड़ा बजाया जाता है
पुराने जमाने में जब राजा का शासन होता था तब महलों के बाहर अलग-अलग दिशाओं में द्वार बनाए जाते थे. इन द्वारों के ऊपरी भाग में शहनाई और नगाड़ा बजाया जाता था. इसी भाग को नक्करखाना कहते हैं
‘तूती’ एक चिड़िया का नाम है जो सुरीली आवाज निकालती है.
नक्कारखाने में तूती की आवाज दब जाती है क्योंकि एक छोटी सी चिड़िया आखिर नगाड़ा की आवाज के सामने क्या है इसलिए इस मुहावरे का प्रयोग होता है जहां कमजोर व्यक्ति की बात कोई नहीं सुनता हथवा उसकी बात का महत्व नहीं होता
नक्कारखाने में तूती की आवाज का वाक्य में प्रयोग
वाक्य प्रयोग – तुम मुख्यमंत्री के दफ्तर जा रहे हो किसी काम से।कहीं ऐसा ना हो तुम्हारी मांग नक्कारखाने में तूती की आवाज बनकर रह जाए।
वाक्य प्रयोग – कक्षा में इतना शोर हो रहा है।तुम्हारी बात तो नक्कारखाने में तूती की आवाज जैसी प्रतीत हो रही है।
वाक्य प्रयोग – सरकारी दफ्तर में अपना कार्य जल्दी करने की मांग तो मानो नक्कारखाने में तूती की आवाज है।
वाक्य प्रयोग – बनूंगा तो मैं IAS ही।मैं नक्कारखाने में तूती की आवाज नहीं बनना चाहता।
Reference: https://doordrishtinews.com/explanation-of-the-word-carving/national/