हाथ को हाथ न सूझना पर टिप्पणी
बड़ा ही अटपटा, विचित्र, असामान्य मुहावरा है, इसका मतलब होता है अंधकार होना
याद कीजिए ठंड के मौसम में सुबह के समय जब खूब कोहरा होता है तब पास की चीजें भी दिखना बंद हो जाती है. ऐसी हालत में सड़कों पर गाड़ी चलाना बड़ा ही खतरों से भरा होता है
पहाड़ी इलाकों पर रात्रि के समय कोहरा के साथ-साथ अंधेरा भी होता है इससे ज्यादा खतरे का काम कोई नहीं है. ऐसी परिस्थितियों में हाथ को हाथ नहीं सूझता
हाथ को हाथ न सूझना का वाक्य प्रयोग (sentence)
वाक्य – प्रगाढ़ बेहोशी(coma) की अवस्था में ऐसा होता है जैसे हाथ को हाथ न सूझे
वाक्य – आज भी हमारे देश में ऐसे बीहड़ गांव है जहां बिजली नहीं आती और रात में हाथ को हाथ नहीं सूझता
वाक्य – रात वैसे ही हो गई है और ऊपर से बिजली भी चली गई है, हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा
वाक्य – जो लोग जन्म से अंधे होते हैं उनके लिए जीवन हाथ को हाथ न सूझना के समान होता है