काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती का क्या मतलब है और वाक्य

Meaning
काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती मुहावरे का अर्थ (kaath ki handi baar baar nahi chadti muhavare ka arth) – छल कपट का व्यवहार बार-बार काम नहीं आता

काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती का अर्थ समझे

‘काठ’ शब्द का अर्थ लकड़ी होता है।काठ की हांडी अर्थात लकड़ी की हांडी जो एक बार ही प्रयोग में लिया जा सकता है। लकड़ी की हांडी एक प्रयोग के बाद खाक हो जाती है।

“काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती” का तात्पर्य है कि एक झूठ या एक बार की गई चलाकि बार-बार काम नहीं आती।

काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती का वाक्य प्रयोग 

वाक्य – तुमने दान के बहाने मुझसे पैसे ले लिया अब तुम फिर आ गए वहीं बहाना लेकर। तुम्हारी काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ेगी।

वाक्य – नेता बार-बार झूठे वादे कर चुनाव जीत लेते हैं। इस बार जो नेता हमारे गांव आएगा वोट मांगने हम सब का एक ही जवाब होगा “काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती”।

वाक्य – संजय जुए में सारा पैसा उड़ा देता है और फिर सब से उधार मांगता है। यह बात परिवार में सबको पता चल गई और अब कोई संजय की सहायता नहीं करता आखिर काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।