सिर नीचा करना मुहावरे का अर्थ क्या है और वाक्य प्रयोग

Meaning
सिर नीचा करना मुहावरे का अर्थ (sir nicha karna muhavare ka arth) – लज्जित होना

सिर नीचा करना का अर्थ बताइए

हमारा ‘मस्तक’ इज्जत का प्रतीक है. जो व्यक्ति समाज में प्रतिष्ठित होता है ऐसा सम्मानित व्यक्ति सिर उठाकर ही चलता है।इसके विपरीत जो व्यक्ति समाज में निंदा का पात्र होता है वह अनादर के भय से हमेशा सिर झुकाकर ही चलता है।

इसलिए ‘सिर नीचा करना’ का मतलब लज्जित होना ब बेइज्जत होना होता है।

सिर नीचा करना का वाक्य में प्रयोग

वाक्य – पंकज के पुत्र मैं सारे अवगुण है तथा हमेशा अपनी करतूतों के कारण वह पंकज का सिर नीचा कर देता है।

वाक्य – श्याम चोरी करता हुआ पकड़ा गया।अपने परिवार जन को देख वह सिर नीचा कर रोने लगा।

वाक्य – रूबीका अपने प्रेमी के साथ पकड़ी गई तब वह सिर नीचा कर चली गई। 

वाक्य – ऑफिसर का पढ़ा-लिखा बेटा दुकान खोल कर बैठ गया। इस समाचार से समाज में पिता का सिर नीचा हो गया।