मुंह में राम बगल में छुरी लोकोक्ति का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

Meaning
मुंह में राम बगल में छुरी मुहावरे का अर्थ (muh me ram bagal me churi muhavare ka arth) – बाहर से मित्रता दिखाना मगर अंदर बैर का भाव रखना

मुंह में राम बगल में छुरी कहावत पर टिप्पणी 

जब कोई आपके सामने तो अच्छे से व्यवहार करें, चिकनी-चुपड़ी बातें करें मगर पीठ पीछे बुराई करें अतः बाहर से मित्रता मगर अंदर से शत्रुता करें तब इस कहावत का प्रयोग होता है।

उत्तरी भारत मैं सामान्य लोग राम-राम बोलकर मिलते हैं इसलिए ‘मुंह में राम’ का मतलब मित्रता का भाव रखना है और ‘बगल में छुरी’ से मतलब हानि पहुंचाने की भावना करना किंतु बिना दूसरे को पता चले।

मुंह में राम बगल में छुरी का वाक्य में प्रयोग

वाक्य – हमारे चाचा हमारी तरक्की देख हमसे “मुंह में राम बगल में छुरी” जैसा व्यवहार करते हैं।

वाक्य – आजकल के पारिवारिक संबंध ऐसे हैं जैसे मुंह में राम बगल में छुरी।

वाक्य – पिंकी सबसे अच्छे से बात करती है मगर मौका आते ही बुराई भी कर देती है, उसके तो मुंह में राम बगल में छुरी है।

वाक्य – एक साधु रोज गंगा घाट भिक्षा मांगने जाता है मगर आज उसे कुछ नहीं मिला तो वह सबको कोसने लगा, उसके तो मुंह में राम बगल में छुरी है।