सिर पर कफन बांधना मुहावरे का अर्थ क्या है और वाक्य प्रयोग

Meaning
सिर पर कफन बांधना मुहावरे का अर्थ (sir par kafan bandhna muhavare ka arth) – शहादत व बलिदान के लिए तैयार होना

सिर पर कफन बांधना पर टिप्पणी

प्रत्येक मनुष्य जो जन्म लेता है वह मरता अवश्य है। मृत्यु का नाम सुनने से कई लोगों को भए लगने लगता है। जिसने शरीर को “मैं” मान लिया है उसे तो मरने का डर होगा ही।

दूसरी ओर जो लोग किसी बड़े कार्य के लिए अपना बलिदान करने के लिए तैयार रहते हैं और मृत्यु के भय से पीछे नहीं हटते ऐसे लोग महान होते हैं और बलिदानी होते हैं। यह लोग शहीद भगत सिंह की तरह हंसते-हंसते बलिदान देते हैं।

मृत्यु के लिए तैयार रहना और अपना बलिदान देने को ही सिर पर कफन बांधना कहते हैं।

सिर पर कफन बांधना का वाक्य में प्रयोग

वाक्य – सिख लोग सिर पर कफन बांधकर मुगलों की सेना से लड़ते थे तभी  भारी पढ़ते थे।

वाक्य – हम अपने देश की रक्षा के लिए सिर पर कफन बांधने को हमेशा तैयार हैं।

वाक्य – जो दूसरों के लिए सिर पर कफन बांधते हैं वही बलिदानी कहलाते हैं।

वाक्य – आतंकवादी सिर पर कफन बांध कर जिहाद करते हैं क्योंकि उन्हें काल्पनिक हूरो का लोभ होता है।